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Head Over Heels K-Drama Review in Hindi

नमस्ते दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे कोरियन ड्रामा की जिसने “ऊंच-नीच” के मतलब को ही बदल कर रख दिया। 

जी हाँ, बात हो रही है “Head Over Heels” (कोरियन नाम: “우리사이느은” / “The Law of Being in Love”) की। 

अगर आपको रोमांटिक कॉमेडीज में दिलचस्पी है, जहाँ हंसी-मजाक के साथ दिल को छू जाने वाले पल हों, तो ये ड्रामा आपके लिए ही बना है।

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Head Over Heels kdrama hindi

क्यों “Head Over Heels” पर बात करना जरूरी है?

K-ड्रामा वर्ल्ड में रोम-कॉम की बाढ़ आई हुई है। लेकिन “Head Over Heels” अपने यूनीक प्रीमाइज़ (कद का फर्क) और रिलेटेबल करैक्टर्स की वजह से अलग खड़ा नजर आता है। 

ये सिर्फ “लम्बा लड़का-छोटी लड़की” की कहानी नहीं है। ये तो है आत्म-स्वीकृति, सामाजिक दबाव और बिना शर्त प्यार की मीठी-कड़वी गपशप|

स्टोरीलाइन (बिना स्पॉइलर के): क्या है माजरा?

मान लीजिए आपकी जिंदगी में सबकुछ प्लान के मुताबिक चल रहा हो, और अचानक.. “प्लॉट ट्विस्ट” यही होता है हमारी हीरोइन Oh Ha Ri (ओह हा-री) के साथ।

कहानी:
एक मजबूरी में, Goo Won को एक “झूठी गर्लफ्रेंड” की जरूरत पड़ती है ताकि उनकी आँखों की समस्या का राज़ छुपा रहे। 

पर्दे के सामने बने रहना है! किस्मत से (या किस्मत ने मजाक किया?), उनकी नजर पड़ती है Ha Ri पर। क्यों? क्योंकि वो है.. छोटी| 

उनके हिसाब से, एक छोटी लड़की उनकी कमजोरियाँ (चश्मा, टकराना, ठोकर खाना) आसानी से नहीं देख पाएगी।

क्या Ha Ri मानेगी इस अजीब प्रोपोज़ल को? क्या ये झूठा रिश्ता सच्चे प्यार में बदलेगा? क्या Goo Won अपनी बीमारी और Ha Ri अपने हाइट कॉम्प्लेक्स पर काबू पा पाएंगे? यही तो जानना है|

क्यों देखें “Head Over Heels” in Hindi? (खूबियाँ )

  1. यूनीक कॉन्सेप्ट, रिलेटेबल प्रॉब्लम्स:
    कद का फर्क तो बहाना है। असली मुद्दा है “खुद को स्वीकार करना”। Ha Ri का अपने कद से शर्मिंदा होना, Goo Won का अपनी बीमारी और असुरक्षा को छुपाना.. ये सब उन चीजों को छूता है जो हम सभी महसूस करते हैं। कौन नहीं जानता कमतर महसूस करने का दर्द?  ये ड्रामा कहता है: “खामियाँ ही तो तुम्हें खास बनाती हैं!”
  2. केमिस्ट्री जो स्क्रीन पर चिंगारी बिखेरे:
    Choi Woo shik (Ha Ri) और Yoon Hyun-sung (Goo Won) की जोड़ी “अद्भुत” है। उनकी हाइट डिफरेंस तो नजर आती ही है, पर उससे भी ज्यादा उनका इमोशनल कनेक्शन दिल जीत लेता है। एक दूसरे के प्रति संवेदनशीलता, हिचकिचाहट, फिर धीरे-धीरे खुलना| ये रिश्ता बिलकुल “फोर्स्ड” फील नहीं होता। नेचुरल और मीठा है।
  3. हंसी का पूरा डोज (कॉमेडी परफेक्ट है):
    बस ये मत सोचिए कि ये सिर्फ भावुक ड्रामा है| इसमें “रोलरकोस्टर कॉमेडी” है। खासकर Goo Won की हालत के चलते होने वाले मिसहैप्स (ठोकर खाना, चीजें गिराना, गलत लोगों को गले लगा लेना) और Ha Ri की ओवर-द-टॉप रिएक्शन्स बेहद मजेदार हैं। फुल एंटरटेनमेंट पैकेज|
  4. सपोर्टिंग कास्ट भी जमकर चमके:
    • Choi Soo-young (Jang Seo-Kyung): Ha Ri की बेस्ट फ्रेंड। जबरदस्त कॉन्फिडेंस वाली, खुलकर बोलने वाली। उसका सीन स्टीलर है|
    • Kim Min-kyu (Jung Do-yoon): Goo Won का बिज़नेस पार्टनर और असली दोस्त। उसकी सच्ची चिंता और हल्की-फुल्की शरारतें कहानी को बैलेंस करती हैं।
    • Ha Ri का परिवार: खासतौर पर उसकी माँ। टाइपिकल कोरियन माँ जो बेटी की शादी को लेकर परेशान है। कॉमिक और टचिंग दोनों मूमेंट देती है।
  5. ओहो वाले विजुअल्स:
    ड्रामा की सिनेमैटोग्राफी क्लीन और मॉडर्न है। फैशन (खासकर Goo Won के कपड़े), लोकेशन्स (खूबसूरत कैफे, स्टाइलिश अपार्टमेंट) आँखों को सुकून देते हैं। हर फ्रेम इंस्टाग्राम reel लायक|
  6. छोटा है पर दमदार (परफेक्ट लेंथ):
    सिर्फ 12 एपिसोड्स (कोरियन वर्जन)। यानी ना फिलर्स, ना अनावश्यक खिंचाव। कहानी टाइट और पेसिंग परफेक्ट है। वीकेंड में आराम से फिनिश किया जा सकता है।

कहीं कमी तो नहीं?
  1. कुछ क्लिचेस तो हैं ही:
    अरे भाई, ये रोम-कॉम है| इसमें “मिसअंडरस्टैंडिंग”, “नकली डेटिंग”, “रिच बॉय-कॉमन गर्ल” जैसे ट्रॉप्स तो होंगे ही। अगर आप बिलकुल नया कुछ ढूंढ रहे हैं, तो थोड़ा डिसएप्वॉइंट हो सकते हैं। पर इन्हें प्रेजेंट करने का तरीका फ्रेश लगता है।
  2. विलेन? कौन सा विलेन?
    इसमें कोई बड़ा खलनायक नहीं है। कॉन्फ्लिक्ट ज्यादातर इंटरनल है (किरदारों की अपनी भावनाएँ, डर) या फिर सोसाइटल प्रेशर। अगर आपको ड्रामा में सस्पेंसफुल विलेन चाहिए, तो यहाँ नहीं मिलेगा।
  3. हीरो की बीमारी का सॉल्यूशन:
    कुछ व्यूअर्स को लग सकता है कि Goo Won की आँखों की समस्या का रिजॉल्यूशन थोड़ा जल्दबाजी में या सरल तरीके से दिखाया गया। रियलिस्टिक डेप्थ शायद कमी रह गई।
किरदार (Cast):

कहाँ देखें? (OTT प्लेटफॉर्म्स – Legal तरीका)

 अच्छी खबर! “Head Over Heels” आसानी से उपलब्ध है:

फाइनल वर्डिक्ट:

रेटिंग:   (4/5 सितारे)

क्यों देखना चाहिए?
अगर आप चाहते हैं:

क्यों छोड़ सकते हैं?

मेरी निजी राय:
“Head Over Heels” वो गर्मागर्म कॉफी है जो ठंडी शाम में आपके हाथों में आती है। 

ये “एपिक” या “गेम-चेंजर” तो नहीं है, पर ये दिल को छू लेने वाला, प्यारा और मस्ती से भरा ड्रामा जरूर है। 

चोई वू-शिक की एक्टिंग और किरदार का सफर इसे खास बनाता है। अगर आपका दिन बोरिंग गुजर रहा है, तो ये ड्रामा आपकी स्क्रीन पर चमक ला सकता है। 

मेरा तो दिल करता है कि Oh Ha Ri को जाकर गले लगा लूँ और कहूँ – “तू बहुत कूल है यार|”

आपकी बारी (Let’s Chat)

तो बताइये कमेंट में:

  1. क्या आपने “Head Over Heels” देखा है? अगर हाँ, तो कैसा लगा?
  2. आपको कौन सा सीन सबसे ज्यादा याद है? (बिना स्पॉइलर अलर्ट के|)
  3. कद का फर्क प्यार में रुकावट हो सकता है? आपका क्या ख्याल है?
  4. अगला K-Drama रिव्यू किस पर चाहिए?

प्यार, हंसी, और थोड़ी सी जिदगी का पाठ पढ़ाने वाला ये ड्रामा… “देखा तो बस एक बार, पर याद रह गया बार-बार”

खूब प्यार करो, खूब ड्रामा देखो|

आपका ब्लॉगर दोस्त,
[Chetan / Hindi Kdrama]

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